Hanta Virus

एक तरफ जहाँ पुरे विश्व भर में एकता के साथ COVID-19 नामक वायरस से लड़ने के लिए अनेकों उपाय किए जा रहे हैं , वही एक नए वायरस ने चीन की भूमि पर फिर से जन्म ले लिया है. चारो तरफ लॉक-डाउन की स्थिति ला दी गई है, लोगो को घर से बाहर निकलने के लिए मनाही है . यहाँ तक की परिवहन के हर माध्यम पर पाबन्दी लगा दी गई है. चाहे वो देश का वित्तीय रीढ़ – रेल परिवहन से हो या बाइक के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाना, सब कुछ थम गया है. विश्व भर के डॉक्टर एक जुट होकर अपने-अपने देश को बचाने के प्रयास में लगे हुए है, वही दूसरी तरफ चीन के यूनान में एक ऐसा मरीज पाया गया जो हन्ता नामक वायरस से संक्रमित था. CDC के अनुसार हंता वायरस में मृत्युदर 38 फ़ीसदी होती है और इस बीमारी का कोई ‘स्पेसिफिक ट्रीटमेंट’ नहीं है. हालाँकि आपको बता दे की ये जिस जीव के द्वारा ये वायरस फैलता है वो आपके घर में आसानी से इधर उधर घूमते हुए पाए जाते है. जी हाँ! हम बात कर रहे है उन चूहों की जो आपके घर के रसोईघर,शौचालय और बाकि के कमरों में घूमते हुए मिलते है.

Hantavirus Pulmonary Syndrome (HPS) एक दुर्लभ लेकिन घातक वायरल संक्रमण है जो की चूहों के द्वारा फैलता है. वे अपने मूत्र – मल (बूंदों) और लार में वायरस को बहाते हैं। हन्ता वायरस मुख्य रूप से कृन्तकों द्वारा फैले वायरस का एक परिवार है और दुनिया भर के लोगों में विभिन्न रोग सिंड्रोम पैदा कर सकता है. ये मुख्य रूप से कृन्तको के द्वारा फैलता हैं। कहा जा रहा है की ये वायरस हवा की छोटी बूंदें में प्रवेश कर सकती हैं। यदि लोग संक्रमित हवा में सांस लेते हैं या कृन्तकों या उनके मूत्र या बूंदों के संपर्क में आते हैं तो लोग इस बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं। कहा जा रहा है की अगर कोई इंसान चूहो के मल – मूत्र या लार छूने के बाद अपने चेहरे को छूता है, तो वो व्यक्ति हो सकता है हन्ता का शिकार। आमतौर पर हन्ता एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है, पर विश्व की स्थिति और कोरोना के बढ़ते हुए परिणाम को देखते हुए सावधानी बरतनी जरुरी हो सकती है.

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आइये जानते है, क्या है लक्षण इस वायरस को पहचानने का
वैसे तो हन्ता वायरस का पता लगाने में एक से आठ हफ्ते का वक़्त लग सकता है , फिर भी आपकी जानकारी और सतर्कता को बनाए रखने के लिए कुछ आसान लक्षण नीचे अंकित किए जा रहे है. अगर कोई व्यक्ति हन्ता वायरस से संक्रमित है तो उसे थकान, बुखार, सर्दी, बदन दर्द (खासकर मांसपेशियों में, विशेष रूप से जांघों, कूल्हों और पीठ में ), सिर दर्द, ठंड लगना, चक्कर आना, मतली, दस्त या पेट दर्द और उलटी जैसी दिक़्क़तें हो सकती है. संक्रमित व्यक्ति की हालत बिगड़ने पर उसके फेफड़े में पानी भर सकता है और उसे साँस लेने में तकलीफ हो सकती है.

अगर चाहते है आप खुद को और अपने परिवार को इस खतरनाक परिस्थिती से बचाये रखना, तो जरुरत है अपने घर और आसपास चूहों (कृन्तकों) की संख्या नियंत्रित रखना। यदि आप कृन्तकों के आसपास रहे हैं और बुखार, गहरी मांसपेशियों में दर्द और सांस की गंभीर कमी के लक्षण हैं, तो तुरंत अपने चिकित्सक को दिखाये। एचपीएस के लिए कोई विशिष्ट उपचार, इलाज या वैक्सीन नहीं है। मरीजों को बेहतर हो सकता है अगर इसे जल्दी पहचाना जाए और गहन चिकित्सा इकाई में उन्हें चिकित्सा सुविधा मिले। उन्हें अक्सर एक श्वास मशीन का उपयोग करने और ऑक्सीजन थेरेपी की आवश्यकता होती है।

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Author: Rohit Choubey


Rohit is an avid guest blogger as well an eminent digital marketeer. He has immense passion towards food blogging. His hobbies include travelling, cooking and watching movies. He is the content analyst at RailRestro